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*मकर संक्रांति - का महत्व

*मकर संक्रांति - का महत्व

**मकर संक्रांति** भारत का एक प्रमुख पर्व है, जो सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसे **सूर्य पर्व** भी कहा जाता है। इस त्योहार का महत्व, स्थान, और इससे जुड़े वैज्ञानिक और आध्यात्मिक तर्क निम्नलिखित हैं:

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### **मकर संक्रांति क्या है?**
मकर संक्रांति हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने का पर्व है। इस दिन से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायन की ओर गमन करता है, अर्थात् दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं। इसे ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।

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### **मकर संक्रांति का महत्व**
1. **धार्मिक महत्व**
- यह दिन सूर्य देवता की आराधना का है। सूर्य को ऊर्जा और जीवन का स्रोत माना जाता है।
- गंगा स्नान, दान-पुण्य और सूर्य को अर्घ्य देने से पापों का नाश होता है।
- महाभारत के अनुसार भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिए उत्तरायण का समय चुना था।

2. **सांस्कृतिक महत्व**
- यह पर्व विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, जैसे:
- **उत्तर भारत**: मकर संक्रांति (तिल-गुड़ और पतंग उत्सव)
- **पंजाब**: लोहड़ी
- **गुजरात**: उत्तरायण
- **तमिलनाडु**: पोंगल
- **असम**: भोगाली बिहू

3. **कृषि महत्व**
- यह फसल कटाई का समय होता है। किसानों के लिए यह नई ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है।

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### **मकर संक्रांति का अध्यात्मिक तर्क**
1. **सूर्य की आराधना**
सूर्य को ऊर्जा, आत्मा और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। उत्तरायण का मतलब है, ज्ञान और प्रकाश की ओर अग्रसर होना।

2. **योग और साधना का समय**
यह समय साधना और ध्यान के लिए श्रेष्ठ माना गया है। ऋषियों का कहना है कि इस समय सूर्य ऊर्जा सकारात्मकता प्रदान करती है।

3. **दान का महत्व**
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन दान से मनुष्य को आध्यात्मिक लाभ और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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### **मकर संक्रांति का वैज्ञानिक तर्क**
1. **सूर्य का उत्तरायण होना**
- जब सूर्य मकर रेखा (Tropic of Capricorn) से कर्क रेखा (Tropic of Cancer) की ओर बढ़ता है, तो उत्तरी गोलार्ध में दिन लंबे होने लगते हैं।
- इससे सर्दी का प्रभाव कम होता है और गर्मी बढ़ने लगती है।

2. **स्वास्थ्य लाभ**
- इस समय तिल-गुड़ का सेवन करना शरीर को गर्मी प्रदान करता है और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
- इस मौसम में गंगा स्नान से त्वचा संबंधी रोगों का निवारण होता है।

3. **शरीर का संतुलन**
- सूर्य की किरणों का अधिक प्रभाव हमारे शरीर को सक्रिय और ऊर्जावान बनाता है।

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### **मकर संक्रांति कैसे मनाई जाती है?**
1. **गंगा स्नान**: सुबह के समय पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है।
2. **दान-पुण्य**: इस दिन तिल, गुड़, अनाज, और वस्त्रों का दान किया जाता है।
3. **पर्व और खेल**: पतंगबाजी और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
4. **खास पकवान**: तिल-गुड़ के लड्डू, खिचड़ी, और मिठाइयों का सेवन किया जाता है।

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### **निष्कर्ष**
मकर संक्रांति सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्योहार आत्मा की शुद्धि, प्रकृति के साथ संतुलन और समाज में दान-पुण्य के महत्व को दर्शाता है।

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