### **माता बिरासानी देवी और भगवान विष्णु-जगदीश: आस्था, शक्ति और चमत्कार का केंद्र**
मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली में स्थित **माता बिरासानी देवी** का मंदिर न केवल देवी की महिमा के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ **भगवान विष्णु-जगदीश** की दिव्य मूर्ति भी विराजमान है। यह स्थान माता और भगवान विष्णु की संयुक्त आराधना का पवित्र स्थल है, जहाँ श्रद्धालु आस्था, शांति और चमत्कारिक अनुभव के लिए आते हैं।
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### **माता बिरासानी देवी की प्रकट होने की कथा**
**1. माता का प्रकट होना:**
लोककथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में यह क्षेत्र घने जंगलों से घिरा हुआ था। एक दिन स्थानीय चरवाहों ने देखा कि गाय एक विशेष स्थान पर अपने आप दूध गिरा रही है। जब ग्रामीणों ने उस स्थान की खुदाई की, तो वहां देवी की पवित्र शिला (स्वयंभू विग्रह) प्रकट हुई। इस चमत्कार के बाद देवी की पूजा शुरू हुई।
**2. संकट निवारण की कथा:**
कहते हैं कि जब क्षेत्र में अकाल या कोई आपदा आई, तो माता ने अपने भक्तों को दर्शन देकर उनकी रक्षा की। माता को "बिरासानी" नाम दिया गया, जिसका अर्थ है "वीरों की साथी"। भक्त मानते हैं कि माता हर संकट में उनके साथ रहती हैं।
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### **भगवान विष्णु-जगदीश की मूर्ति की महिमा**
**1. मूर्ति का इतिहास:**
मंदिर में भगवान विष्णु की प्राचीन और चमत्कारी मूर्ति भी विराजमान है। इसे "जगदीश" के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है "संपूर्ण ब्रह्मांड के स्वामी।" यह मूर्ति हजारों वर्षों पुरानी है और इसे ऋषि-मुनियों ने स्थापित किया था।
**2. विष्णु और माता का संबंध:**
स्थानीय मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु ने माता बिरासानी को इस क्षेत्र की रक्षा का अधिकार दिया था। भगवान विष्णु और माता की संयुक्त पूजा से भक्तों को सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।
**3. मूर्ति की विशेषताएं:**
- भगवान विष्णु की चार भुजाओं वाली मूर्ति, जिसमें शंख, चक्र, गदा और पद्म हैं।
- उनकी मुद्रा ध्यान और साधना के लिए प्रेरित करती है।
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### **संयुक्त पूजा का महत्त्व**
1. **संकट निवारण का केंद्र:**
माता बिरासानी और भगवान विष्णु की संयुक्त पूजा से जीवन के सभी कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं।
2. **मनोकामना पूर्ति:**
भक्त मानते हैं कि माता और विष्णु-जगदीश के चरणों में की गई हर प्रार्थना का उत्तर मिलता है।
3. **शादी और शुभ कार्य:**
क्षेत्र के लोग किसी भी शुभ कार्य से पहले माता और भगवान विष्णु का आशीर्वाद लेना अनिवार्य मानते हैं।
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### **मंदिर के प्रमुख आकर्षण**
**1. नवरात्रि और एकादशी उत्सव:**
माता बिरासानी के मंदिर में **नवरात्रि** के दौरान विशाल मेले का आयोजन होता है। साथ ही **एकादशी** के दिन भगवान विष्णु का विशेष पूजन किया जाता है।
- **नवरात्रि महोत्सव:** देवी के नौ रूपों की पूजा और ज्वारा स्थापना होती है।
- **एकादशी पर्व:** विष्णु सहस्रनाम पाठ और विशेष आरती का आयोजन।
**2. पवित्र जल स्रोत:**
मंदिर के पास स्थित जलाशय को पवित्र माना जाता है। भक्त इसे चमत्कारी और औषधीय गुणों से युक्त मानते हैं।
**3. प्राकृतिक सौंदर्य:**
मंदिर के आसपास का शांत और प्राकृतिक वातावरण ध्यान और साधना के लिए आदर्श है।
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### **भक्तों के अनुभव और चमत्कार**
1. **बीमारियों से मुक्ति:**
माता और भगवान विष्णु की पूजा से कई भक्तों ने शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति पाई है।
2. **सर्पदंश से सुरक्षा:**
स्थानीय लोगों का मानना है कि सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को माता के चरणों में लाने से वह सुरक्षित हो जाता है।
3. **आध्यात्मिक शांति:**
भगवान विष्णु और माता बिरासानी की उपासना से भक्तों को गहरी आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
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### **कैसे पहुंचे?**
1. **सड़क मार्ग:** बिरसिंहपुर पाली, उमरिया, शहडोल और कटनी जैसे शहरों से जुड़ा हुआ है।
2. **रेल मार्ग:** बिरसिंहपुर पाली रेलवे स्टेशन सबसे नजदीकी स्टेशन है।
3. **हवाई मार्ग:** जबलपुर हवाई अड्डा यहां से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर है।
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### **संक्षेप में**
माता बिरासानी देवी और भगवान विष्णु-जगदीश का यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था और शक्ति का केंद्र है। यहां की पूजा-अर्चना से भक्तों को न केवल भौतिक सुख-समृद्धि मिलती है, बल्कि आध्यात्मिक शांति और सुरक्षा भी प्राप्त होती है। माता और भगवान विष्णु की महिमा इस पवित्र स्थल को चमत्कार, विश्वास और भक्ति का प्रतीक बनाती है।
**"जय माता बिरासानी देवी और भगवान विष्णु-जगदीश की!"**