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संयम और समर्पण का समय

संयम और समर्पण का समय

"हे मातृभूमि!"
तू हमें संबल दे, तू हमारे रक्षकों की ढाल बन,
हर संकट की घड़ी में तू ही हमारी आशा बन।

प्रिय देशवासियों,
यह समय हर्ष और उत्सव का नहीं, बल्कि संयम, जागरूकता और एकता का है।
आपसे निवेदन है कि सभी प्रकार के सामाजिक, धार्मिक या व्यक्तिगत उत्सवों को कुछ समय के लिए स्थगित करें।
अपने आराध्य से प्रार्थना करें — समस्त मानवता के सुख, स्वास्थ्य और शांति के लिए।

हमें चाहिए कि हम आवश्यक वस्तुओं का संचय विवेकपूर्ण ढंग से करें।
पानी, अन्न, दवा, ऊर्जा — इनका सही उपयोग ही हमारी सच्ची बुद्धिमानी होगी।
प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं — बिजली, पेट्रोल, डीजल, कोयला का उपयोग केवल आवश्यकता पड़ने पर करें।

याद रखें — यह समय न केवल जीने का, बल्कि सोचने, समझने और जिम्मेदार नागरिक बनने का है।

हम सब एक हैं, और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
ईश्वर से यही कामना है कि देश का प्रत्येक नागरिक सुरक्षित, स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन जी सके।

भारत माता की जय।
वंदे मातरम्।

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