वातावरण की संरचना और परतों का विश्लेषण. "The Environment: Components and Atmospheric Layers"

वातावरण की संरचना और परतों का विश्लेषण. "The Environment: Components and Atmospheric Layers"

🔹 भाग 1: वायुमंडल की परतें (Atmospheric Layers) — **पृथ्वी को घेरे गैसीय आवरण की परतें**

वायुमंडल पृथ्वी की वह परत है जिसमें गैसें, जलवाष्प, धूलकण आदि पाए जाते हैं। यह जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
वायुमंडल की 5 प्रमुख परतें विस्तार से:
1. क्षोभमंडल (Troposphere)**

* **स्थिति**: पृथ्वी की सतह से लगभग 0 से 12-15 किमी तक
* **विशेषताएँ**:

* यही परत जीवन के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण है।
* मौसम की सभी घटनाएँ जैसे वर्षा, तूफान, बादल, हवा, बर्फ आदि इसी परत में होते हैं।
* तापमान ऊँचाई के साथ घटता है (लगभग 6.5°C प्रति किलोमीटर)।
* 75% से अधिक वायुमंडलीय गैसें यहीं पाई जाती हैं।
* वायु का दबाव सबसे अधिक यहीं होता है।

2. समतापमंडल (Stratosphere)**

* **स्थिति**: 12 से 50 किमी तक
* **विशेषताएँ**:

* यह परत शांत होती है, यहाँ मौसम संबंधी घटनाएँ नहीं होतीं।
* यहाँ **ओज़ोन परत** स्थित होती है, जो सूर्य की **पराबैंगनी किरणों (UV rays)** से जीवन की रक्षा करती है।
* तापमान ऊँचाई के साथ बढ़ता है।
* यही कारण है कि **जेट विमान** इसी परत में उड़ते हैं क्योंकि यहाँ मौसम स्थिर रहता है।

3. मध्यमंडल (Mesosphere)**

* **स्थिति**: 50 से 80 किमी तक
* **विशेषताएँ**:

* यह परत अत्यंत ठंडी होती है, तापमान -90°C तक जा सकता है।
* यह परत उल्काओं (meteors) को जलाकर पृथ्वी पर गिरने से रोकती है।
* तापमान ऊँचाई के साथ घटता है।

4. आयनमंडल / थर्मोस्फियर (Thermosphere / Ionosphere)**

* **स्थिति**: 80 से 700 किमी तक
* **विशेषताएँ**:

* यहाँ गैसें आयनित होती हैं, इसलिए इसे **आयनमंडल** भी कहते हैं।
* रेडियो तरंगों का परावर्तन इसी परत में होता है — इसलिए यह **दूरसंचार** के लिए उपयोगी है।
* यहाँ तापमान बहुत अधिक होता है (सैकड़ों डिग्री सेल्सियस) क्योंकि सूरज की किरणें सीधे इसी परत को गरम करती हैं।
* **अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS)** और कृत्रिम उपग्रह इसी परत में होते हैं।
* **ध्रुवीय ज्योति (Aurora)** जैसे दृश्य इसी परत में होते हैं।


5. बाह्यमंडल (Exosphere)

* **स्थिति**: 700 से 10,000 किमी तक
* **विशेषताएँ**:

* यह वायुमंडल की सबसे ऊपरी परत है।
* यहाँ पर गैसें (मुख्यतः हाइड्रोजन और हीलियम) बहुत विरल होती हैं।
* यहाँ गुरुत्वाकर्षण बल बहुत कम होता है, और यह धीरे-धीरे अंतरिक्ष में विलीन हो जाती है।
* यहाँ से अंतरिक्ष की शुरुआत मानी जाती है।

🔹 भाग 2: प्राकृतिक वातावरण (Natural Environment) — **धरती पर जीवन का परिवेश**

वातावरण को केवल वायुमंडल तक सीमित नहीं किया जाता। यह एक व्यापक शब्द है जो पृथ्वी पर जीवन के चारों ओर मौजूद सभी चीज़ों को शामिल करता है।

वातावरण के घटक (Components of Environment):

🔸1. जैविक घटक (Biotic Components)**

* जीवित चीजें:
* मनुष्य
* पशु
* पौधे
* सूक्ष्म जीव (बैक्टीरिया, फंगस आदि)

🔸 **2. अजैविक घटक (Abiotic Components)**

* निर्जीव चीजें:
* हवा (वायुमंडल)
* पानी (जलमंडल)
* मिट्टी (स्थलमंडल)
* तापमान
* प्रकाश
* खनिज
🔹 वातावरण के प्रकार:

1. **प्राकृतिक वातावरण (Natural Environment)**

* जो मनुष्य द्वारा नहीं बनाया गया — जंगल, पर्वत, नदियाँ, समुद्र, मौसम आदि।

2. **मानव निर्मित वातावरण (Human-made Environment)**

* जो मनुष्य ने बनाया — इमारतें, सड़कें, मशीनें, वाहन, शहर आदि।

📌 निष्कर्ष (Conclusion):

वातावरण की परतें न केवल जीवन की रक्षा करती हैं, बल्कि मौसम, संचार और जलवायु में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसके साथ ही, जैविक और अजैविक घटकों का संतुलन ही पर्यावरण को स्वस्थ बनाता है।

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