**"उमरिया जिला: प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक गौरव का केंद्र"** **"Umaria District: A Hub of Natural Beauty, Religious Faith, and Historical Heritage"**

**"उमरिया जिला: प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक गौरव का केंद्र"** **"Umaria District: A Hub of Natural Beauty, Religious Faith, and Historical Heritage"**

**उमरिया जिला: सम्पूर्ण परिचय, इतिहास, प्रशासनिक संरचना और विशेषताएँ**

उमरिया मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण जिला है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहर, धार्मिक स्थलों, खनिज संपदा, पर्यटन और सांस्कृतिक विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला पर्यावरणीय, औद्योगिक और सांस्कृतिक दृष्टि से राज्य का गौरव है। यहाँ जिले का विस्तृत विवरण प्रस्तुत है।

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### **1. नामकरण और इतिहास**
- **नामकरण:**
उमरिया का नाम "उमर" (Ficus Racemosa) पेड़ से लिया गया है, जो इस क्षेत्र में बहुतायत में पाया जाता है।
- **इतिहास:**
उमरिया का इतिहास कई प्राचीन राजवंशों और सांस्कृतिक घटनाओं का गवाह रहा है।
- **प्रमुख राजवंश:**
1. **कलचुरी राजवंश (10वीं-12वीं शताब्दी):**
- बांधवगढ़ किला उनकी सत्ता का केंद्र था।
2. **बघेल राजवंश (13वीं शताब्दी):**
- उन्होंने बांधवगढ़ किले को अपनी राजधानी बनाया।
3. **गोंड वंश:**
- इस क्षेत्र पर गोंड शासकों का प्रभाव रहा।
- **अंग्रेजी शासन:**
- अंग्रेजों ने उमरिया को खनिज संसाधनों के लिए विकसित किया।
- रेलवे नेटवर्क और खनिज उत्खनन को प्रोत्साहन दिया।
- उमरिया 1998 में शहडोल जिले से अलग होकर एक स्वतंत्र जिला बना।

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### **2. भौगोलिक स्थिति और जलवायु**
- **स्थान:**
यह जिला मध्य प्रदेश के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है।
- **क्षेत्रफल:**
लगभग 4,540 वर्ग किलोमीटर।
- **प्रमुख नदियाँ:**
सोन नदी और जोहिला नदी।
- **जलवायु:**
- गर्मी का तापमान: 42°C तक।
- सर्दी का तापमान: 5°C तक।

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### **3. प्राकृतिक संसाधन और उद्योग**
- **खनिज संपदा:**
उमरिया में कोयला, चूना पत्थर, डोलोमाइट और बॉक्साइट जैसे खनिज पाए जाते हैं।
- **लाख का उद्योग:**
- उमरिया लाख उत्पादन का प्रमुख केंद्र है।
- लाख (प्राकृतिक राल) का उपयोग चूड़ियाँ और सजावटी वस्तुएँ बनाने में होता है।
- **जंगल और वन्यजीव:**
- साल, महुआ, और तेंदू के पेड़ यहाँ के जंगलों की संपदा हैं।
- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में बाघ, तेंदुआ और हिरण जैसे वन्यजीव पाए जाते हैं।

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### **4. जनसंख्या और सामाजिक संरचना**
- **कुल जनसंख्या (2021 अनुमान):** 7.5 लाख।
- **ग्रामीण और शहरी जनसंख्या:**
- ग्रामीण: 6 लाख।
- शहरी: 1.5 लाख।
- **जातियाँ:**
- गोंड, बैगा, और कोल जैसे आदिवासी समुदाय प्रमुख हैं।
- अन्य जातियाँ: ब्राह्मण, क्षत्रिय, यादव।
- **धर्म:**
- हिंदू धर्म मुख्य।
- इसके अलावा मुस्लिम, ईसाई और जैन धर्म के लोग भी निवास करते हैं।

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### **5. भाषा और संस्कृति**
- **मुख्य भाषा:** हिंदी।
- **स्थानीय बोली:** बघेली।
- **आदिवासी भाषाएँ:** गोंडी और बैगानी।
- **संस्कृति और त्योहार:**
- भगोरिया नृत्य, होली और दीपावली।
- गोंड और बैगा समुदायों की कला और संगीत।

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### **6. धार्मिक स्थल और ऐतिहासिक धरोहर**
1. **बांधवगढ़ किला:**
- 2000 साल पुराना किला।
- पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान राम ने इसे लक्ष्मण को भेंट किया था।
2. **ज्वाला माता मंदिर:**
- देवी ज्वाला माता को समर्पित।
3. **माधी बाग का मंदिर:**
- पांडवों द्वारा अज्ञातवास के दौरान बनाया गया।
4. **अमोल खो आश्रम:**
- बच्चू बाबा के नाम से प्रसिद्ध।

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### **7. पर्यटक स्थल और प्राकृतिक आकर्षण**
1. **बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान:**
- बाघ संरक्षण और जैव विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध।
2. **जोजा फॉल:**
- यह जलप्रपात पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है।
3. **सोन और जोहिला नदियाँ:**
- ये नदियाँ जिले की जीवनरेखा हैं।

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### **8. प्रशासनिक संरचना**
उमरिया जिला प्रशासनिक रूप से चार जनपद पंचायतों और चार तहसीलों में विभाजित है।
- **जनपद पंचायतें (4):**
1. उमरिया।
2. मानपुर।
3. पाली।
4. चंदिया।
- **तहसीलें (4):**
1. उमरिया।
2. मानपुर।
3. पाली।
4. चंदिया।
- **ग्राम पंचायतें:** 303।
- **ग्रामों की संख्या:** 775।

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### **9. शिक्षा और प्रमुख संस्थान**
- **शिक्षा का स्तर:**
जिले में शिक्षा का स्तर मध्यम है।
- **प्रमुख स्कूल और कॉलेज:**
1. **RSIT School of Excellence:**
- डिजिटल सुविधाओं से लैस।
2. केंद्रीय विद्यालय।
3. शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय।
4. **RSIT Group of Institutes:**
- उच्च तकनीकी और कंप्यूटर शिक्षा।

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### **10. भविष्य की संभावनाएँ और चुनौतियाँ**
- **संभावनाएँ:**
- पर्यटन का विस्तार।
- डिजिटल शिक्षा और रोजगार।
- खनिज और ऊर्जा में निवेश।
- **चुनौतियाँ:**
- पर्यावरण संरक्षण।
- ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी।

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### **निष्कर्ष**
उमरिया जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहर, खनिज संपदा और सांस्कृतिक विविधता के कारण मध्य प्रदेश का गौरव है। यह जिला न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाए हुए है। पर्यटन, शिक्षा, खनिज संपदा और सांस्कृतिक विविधता के साथ यह जिला विकास और समृद्धि के नए आयाम छू रहा है।

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